विश्व भर में मोटापा बीमारी एक सामान्य समस्या है। लोग आसानी से मोटापा के शिकार हो जाते है। विशेष कर उम्र बढ़ने पर ये समस्या आम तौर से देखने को मिलती है।
हम मोटापा के इलाज के बारे में इस लेख में बात करेंगे। मोटापा के परेशान लोग अक्सर इस सवाल के जवाब ढूंढते रहते हैं कि मोटापा घटाने के उपाय क्या हैं। या मोटापा कैसे कम करें। इसके अलावा लोग मोटापा के उपचार के बारे में भी जानना चाहते हैं।
तो बता दें कि मोटापा कम करने के यूं तो कई तरीके हैं। लेकिन मोटापा कम करने के लिए एक सर्जरी भी की जाती है। इस सर्जरी को बेरियाट्रिक सर्जरी (Bariatric surgery) कहा जाता है।
आपको इस आर्टिकल में इसी बेरिएट्रिक सर्जरी के बारे में हिंदी में (Bariatric surgery in Hindi)बताएंगे। हम बताएंगे कि बेरिएट्रिक सर्जरी क्या होती है। बेरिएट्रिक सर्जरी के प्रकार क्या हैं। बेरिएट्रिक सर्जरी आमतौर पर किनकी की जाती है। इसके अलावा आपको इससे जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। तो bariatric surgery information in hindi में जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें।
विभिन्न चिकित्सीय उपायों की मदद से मोटापे का इलाज संभव है। मोटापे को कम करने में डायटीशियन, फिजियोथेरपिस्ट, फिजिशियन, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, मनोरोग विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञ तथा बेरियाट्रिक ( मोटापे को कम करने के लिए सर्जरी करने वाले डॉक्टर) इत्यादि की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है।
बेरिएट्रिक सर्जरी क्या है – Bariatric surgery in hindi
वर्तमान समय में मोटापे को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका बेरिएट्रिक सर्जरी (Bariatric surgery)ही है। बेरिएट्रिक सर्जरी की मदद से बड़ी मात्रा में वजन कम किया जाता है। साथ ही मोटापे से जुड़े खतरों को भी कम किया जाता है। ताकि उस व्यक्ति के जीवन को आसान और सहज बनाया जा सके।
बेरिएट्रिक सर्जरी लैप्रोस्कोपिक (की होल) तकनीक के तहत किया जाता है। इससे सर्जरी के बाद मरीज काफी तेजी से ठीक भी हो जाता है। बेरिएट्रिक सर्जरी केवल शारिरिक रूप से ठीक दिखने वाला सर्जरी नही है। बल्कि यह जीवन को बचाने के लिए किया जाने वाला सर्जरी है।
वैसे व्यक्ति जिनका आईबीएम 32.5 से 37.4 के बीच है। तथा वह मोटापे से जुड़ी अन्य बीमारियों के शिकार हैं। तथा उनका वजन 90 से 105 किलोग्राम के बीच है। तो उन्हें बेरिएट्रिक सर्जरी सर्जरी की सलाह दी जाती है। यहां आपको जवाब मिल गया है कि बेरिएट्रिक सर्जरी आमतौर पर किनकी की जाती है। 37.5 या उससे अधिक आईबीएम तथा 105 किलोग्राम से अधिक वजन वालो को भी बेरिएट्रिक सर्जरी अवश्य ही करवाना चाहिए।
कुछ मामलों में आईबीएम 32.5 ही होता है तथा फैट केवल पेट पर जमा हुआ होता है। तो इस स्तिथि में भी शरीर को काफी नुकसान हो सकता है। यह भी सेहत के लिए खतरनाक होता है। पेट वाले क्षेत्र में मौजूद फैट भी अधिक खतरनाक होता है। इस लिए बेरिएट्रिक सर्जरी करने से पहले सभी तरह के विकल्पों तथा मापदंडों पर नज़र रखना काफी ज़रूरी है।

बेरिएट्रिक सर्जरी के प्रकार – Types of Bariatric surgery in Hindi
लैप्रोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी (laparoscopic sleeve gastrectomy in Hindi) –
लैप्रोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी – की मदद से पेट के आकार को कम किया जाता है। इसे एक शर्ट के बांह का आकार दिया जाता है। यह भूख को कम कर देता है। थोड़ा ही खाने के बाद पेट बिल्कुल भड़ा हुआ महसूस होने लगता है। इससे वजन कम करने में काफी मदद मिलती है। इस सर्जरी के लिए अस्पताल में अधिक्तम 2 रात तक रहना होता है। इसमें अधिक वजन का 75 प्रतिशत तक वजन कम हो जाता है।
लैप्रोस्कोपिक एडजस्टेबल गैस्ट्रिक बैंडिंग (laparoscopic adjustable gastric banding)-
इस सर्जरी में एक एडजस्टेबल बैलून के साथ पेट पर सिलिकॉन बैंड की एक परत लगाई जाती है। तथा इसे ऑवरग्लास शेप दिया जाता है। यह अधिक खाने की क्षमता को कम कर देता है। इस कारण वजन में काफी कमी आती है। इन प्रकार के सर्जरी की सफलता काफी हद तक बैंड के ऐडजसमेन्ट तथा हाई कैलोरी वाले पेय पदार्थ तथा मिठाई खाने पर नियंत्रण पर निर्भर करता है।
इस सर्जरी के लिए अस्पताल में एक रात रुकना होता है। इस प्रक्रिया के तहत बढ़े हुए वजन का 55 प्रतिशत तक वजन कम होने की संभावना रहती है।
लैप्रोस्कोपिक गैस्ट्रिक बाईपास ( Laparoscopic Gastric bypass)
भोजन लेने की क्षमता को नियंत्रित करने के लिए इस सर्जरी के द्वारा पेट के आकार को कम कर दिया जाता है। इसमें आंत के कुछ हिस्सों की भी सर्जरी की जाती है। इस कारण पोष्टक तत्वों के एब्जॉर्पसन में भी कमी आ जाती है। इस प्रक्रिया के लिए 2 रात के लिए अस्पताल में रहना होता है। इस सर्जरी के बाद बढ़े हुए वजन कस 85 प्रतिशत वजन कम होने की संभावना रहती है।
अधिक्तर Bariatric surgery के बाद बड़े स्तर पर वजन में कमी आती है। इसके अलावा मोटापे के कारण होने वाले बीमारियों जैसें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्लीप एप्निया के लक्षणों में काफी सुधार आता है। इसके अलावा हर्ट अटैक, स्ट्रोक तथा कई प्रकार के कैंसर होने की संभावना में भी काफी कमी आ जाती है।
• बेरिएट्रिक सर्जरी से पहले की तैयारी – Bariatric surgery Prepration in Hindi
बेरियाट्रिक सर्जरी से पहले आपको खून जांच, ईसीजी, सीने के एक्स रे, अपर एंडोस्कोपी, कार्डियक स्ट्रेस टेस्ट तथा इको पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट करवाने पड़ते हैं।
सर्जरी से 2 सप्ताह पहले से ही मरीज़ को अधिक प्रोटीन युक्त भोजन दिया जाता है। तथा कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन बिल्कुल कम मात्रा में लेना होता है। ऐसा लिवर के आकार को कम करने के लिए किया जाता है।
सर्जरी से पहले डायटीशियन, फिजियोथेरेपिस्ट तथा मनोचिकित्सक भी मरीज़ को देखते हैं तथा ऑपरेशन में बाद के प्लान के बारे में बताते हैं।
• बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद के सुझाव – Bariatric surgery diet in hindi
सर्जरी के बाद वजन कम होने की प्रक्रिया 12 से 18 महीने में पूरी होती है। वजन के कम होने से जीवन शैली में काफी बदलाव देखने को मिलता है। आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होती है।
बेरिएट्रिक सर्जरी बाद आहार – सर्जरी के बाद मरीज को अगले 2 हफ्ते तक केवल तरल पदार्थों का सेवन कराया जाता है। अगले 2 हफ्ते मरीज़ नरम भोजन लेता है। इसके बाद मरीज नियमित रूप से खाए जाने भोजन खा सकता है।
सर्जरी के बाद मरीज को प्रयाप्त मात्रा में खाने के साथ प्रोटीन लेने को कहा जाता है। खाने को पूरी तरह चबा कर तथा धीरे धीरे खाने की सलाह दी जाती है। पानी भी नियमित रूप से पीना काफी ज़रूरी है। ध्यान रखें कि खाने से 30 मिनट पहले तथा खाने के 30 मिनट बाद तक पानी न पिएं। प्रत्येक दिन विटामिन युक्त चीजें खाने हैं।
Pregnancy after Bariatric surgery in Hindi
गर्भधारण करने वाली महिलाओं में सर्जरी के बाद प्रजनन क्षमता में बढ़ोतरी होती है तथा बच्चे का जन्म भी सुरक्षित तरीके से होता है। महिलाओं को सर्जरी के 1 साल बाद ही गर्भधारण करने की सलाह दी जाती है।
कम वजन को बनाए रखने के लिए सर्जरी के बाद मरीज नियमित रूप से व्यायाम करें तथा संतुलित आहार लें।
सर्जरी के बाद नियमित रूप से डॉक्टर के संपर्क में रहें। सर्जरी के पहले 1 साल में प्रत्येक 3 महीने में एक बार डॉक्टर से ज़रूर मिलें। 2 साल होने पर प्रत्येक 6 महीने में एक बार मिलें। इसके बाद साल में 1 बार आना काफी है।
बेरिएट्रिक सर्जरी से जुड़े कुछ मिथक तथा उसकी सच्चाई – Myth and Facts about bariatric surgery in hindi
• मिथक – अनुवांशिक रूप से भारतीय मोटापे के शिकार नही होते हैं।
सच्चाई – अनुवांशिक रूप से भारतीयों के कमर के चारों ओर फैट जमने का काफी अधिक खतरा रहता है।
• मिथक – भारत में केवल कम वजन तथा कुपोषण ही वजन से संबंधित समस्या है।
सच्चाई – भारत में 1 करोड़ से भी अधिक काफी मोटे लोग हैं।
• मिथक – सुबह का नाश्ता नही करने से कोई समस्या नही आती है।
सच्चाई – दिल्ली के स्कूलों के बच्चों में नाश्ता न करने वाले 30 प्रतिशत बच्चे मोटे हैं।
• मिथक – भारत में काम करने वाले लोग बिल्कुल चुस्त और स्वस्थ हैं।
सच्चाई – भारत में काम करने वालों की कुल आबादी में 70 प्रतिशत लोग आवश्यकता से अधिक वजन वाले हैं।
• मिथक – मोटापा केवल शारीर समस्या पैदा करता है।
सच्चाई – मोटापा शारीरिक समस्या के साथ साथ तनाव तथा कम आत्मविश्वास का कारण भी बनता है।
• मिथक – मोटापा जानलेवा नही है।
सच्चाई – मोटापा औसतन 6.5 साल उम्र कम कर देता है।
• मिथक – भूख लगने पर किसी भी समय भोजन करना ठीक है।
- ज़्यादा रात में भोजन करना मोटापे का कारण बनता है।
• मिथक – दिल्ली की कुल आबादी में आधे से भी कम पुरुष ज़्यादा वजन वाले हैं।
सच्चाई – दिल्ली की कुल आबादी में 54 प्रतिशत पुरूष ज़्यादा वजन वाले हैं।
• मिथक – भारतीयों में मोटापे को कम करने के लिए केवल खान पान में बदलाव तथा व्यायाम की आवश्यकता है।
सच्चाई – भारत में 20 लाख लोगों को वजन कम करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता है।
• मिथक – मोटापे से किसी अन्य तरह की समस्या नही होती है।
सच्चाई – भारत में लगभग 630 लाख लोग केवल मोटापे के कारण उतपन्न हुई अन्य बीमारियों का सामना कर रहे हैं।
नोट- इस लेख में बताई गई जानकारियों को केवल जानकारी के तौर पर ही लें। इलाज संबंधित कोई भी फैसला डॉक्टर की सलाह पर ही लें।
धन्यवाद
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