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सेरेब्रल पाल्सी एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों में आमतौर से देखी जाती है। अगर आप जानना चाहते हैं कि एक सेरेब्रल पाल्सी क्या है (Cerebral Palsy kya hai), तो इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़ें। इस आर्टिकल में हम बताएंगे सेरेब्रल पाल्सी क्या है (cerebral palsy hindi mai). सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण क्या है, सेरेब्रल पाल्सी के कारण क्या है। सेरेब्रल पाल्सी के लिए जांच क्या किया जाता है तथा सेरेब्रल पाल्सी का इलाज क्या है।

तो सेरेब्रल पाल्सी के बारे में हिंदी में (cerebral palsy hindi mai) Cerebral Palsy hindi mein जानने के लिए इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़ें। हम cerebral palsy hindi mai आपको विस्तार से बताएंगे।

सेरेब्रल पाल्सी क्या है – cerebral palsy hindi meaning

ऊपर आपने पढ़ लिया है कि सेरेब्रल पाल्सी बच्चों में आमतौर से होने वाली बीमारी है। सेरेब्रल पाल्सी क्या है या सेरेब्रल पाल्सी का परिभाषा या cerebral palsy definition in hindi में बात करें तो सेरेब्रल पाल्सी विकारों का एक समूह (group of disorders) है।


Cerebral Palsy एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है। इसमें बच्चे का मस्तिष्क प्रभावित होता है। इस स्थिति में बच्चे का समुचित विकास नहीं हो पाता है। विकारों का समूह कहने का अर्थ ये है कि सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित होने वाला बच्चा एक दो नहीं, बल्कि कई तरह की बीमारियों से घिरा हुआ होता है।

Cerebral Palsy आमतौर से बच्चों में मसल मोमेंट तथा कोऑर्डिनेशन को प्रभावित करता है। यानी कि बच्चे की मांसपेशियां कमजोर रहती है तथा उस पर बच्चे का नियंत्रण भी नहीं रहता है। सेरेब्रल पाल्सी के सीवियर केस यानी गंभीर मामले में बच्चों में इन समस्या के साथ-साथ आंखों में भी समस्या देखने को मिल सकता है। आंखों में रौशनी कम हो जाती है। इसके अलावा बच्चे के सुनने की क्षमता कम होती है। साथ ही बच्चे में सेंसेशन भी कम हो सकता है। कुल मिला कर अगर सेरेब्रल पाल्सी अधिक गंभीर है तो बच्चों में एक साथ बहुत सारी समस्या दिखने लगती है।

Cerebral palsy Child में आमतौर से होने वाली बीमारी है। आंकड़े बताते हैं कि 1000 जन्म लेने वाले बच्चों में से 1.5 से 4 बच्चे इस सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से ग्रसित हो सकता है।

Cerebral palsy को ही संक्षेप में CP भी कहा जाता है। जो बच्चा Cerebral Palsy से ग्रसित होता है, उसे ही cp child कहा जाता है। अब आपको CP meaning in hindi या what is cp in hindi भी समझ आ गया होगा।

सेरेब्रल पाल्सी का अर्थ या सेरेब्रल पाल्सी मीनिंग – cerebral palsy ka hindi arth

अभी ठीक ऊपर आप cerebral palsy in hindi या cerebral palsy definition in hindi में पढ़ चुके हैं कि cerebral palsy ka hindi me matlab क्या होता है। हालांकि कुछ लोग cerebral palsy ka hindi meaning जानना चाहते हैं, तो उनको बता दें कि cerebral palsy hindi mai प्रमस्तिष्क घात कहलाता है।

Cerebral Palsy में “cerebral” का मतलब ये होता है कि ये Brain से जुड़ी हुई चीज़ों में बारे में बताता है। जबकि Palsy शब्द कमज़ोरी या बॉडी मूवमेंट में कमजोरी या समस्या को प्रदर्शित करता है।

सेरेब्रल पाल्सी मीनिंग या cerebral palsy ka hindi me meaning जानने के बाद चलिए अब आगे बढ़ते हैं।

सेरेब्रल पाल्सी का लक्षण – Cerebral Palsy Symptoms in Hindi

Cerebral Palsy Symptoms in Hindi

अलग-अलग बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी का लक्षण अलग-अलग देखने को मिल सकते हैं। कुछ बच्चों में जन्म के शुरुआती वर्षों में ही बहुत ज्यादा सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण देखने को मिल जाते हैं। जबकि कुछ बच्चों में कुछ समय बाद Cerebral Palsy ke lakshan दिखते हैं। सेरिब्रल पाल्सी के लक्षण (Cerebral Palsy Symptoms in Hindi) किस प्रकार के होंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चे के मस्तिष्क का कौन सा भाग प्रभावित हुआ है।

सेरेब्रल पाल्सी लक्षण जो आमतौर से दिखते हैं, वह निम्नलिखित है –

  • सामान्यतः बच्चे जिस उम्र में करवट बदलना या रेंगना शुरू कर देता है सीपी का बच्चा ऐसा नहीं कर पाता है।
  • आम बच्चों के मुकाबले सीपी का बच्चा बिल्कुल शांत रहता है। बच्चे की मांसपेशियां बहुत ज्यादा कमज़ोर तथा बिल्कुल लूज हो सकता है।
  • बच्चा बहुत दिनों बाद बोलना शुरू करता है। साथ ही बच्चे की आवाज साफ नहीं होती है।
  • बच्चे के हाथ पैर में गैर जरूरी हरकत दिखने लगता है।
  • बच्चे का नियंत्रण अपनी मांस पेशियों पर नहीं रहता है यानी कि बच्चा अपनी मर्जी से सही दिशा में हाथ या पैर नहीं उठाया बढ़ा सकता है।
  • बच्चे के हाथ में कंपन दिख सकता है।
  • बच्चे को कुछ गिगलने में समस्या आने लगती है।
  • बच्चा समय पर चलता भी नहीं है।
  • अगर कोई बच्चा चार पांच साल में चलने भी लगता है तो उसके चलने का अंदाज बाकी बच्चों के मुकाबले काफी अलग होता है।

इन सबके अलावा भी कई अलग तरह के सीपी के लक्षण (CP ke Lakshan) बच्चों में देखने को मिल सकते हैं। जैसे कि –

  • बच्चे को शुरू से ही सुनाई कम दे सकता है।
  • बच्चों की आंखों की रोशनी कम हो सकती है।
  • बच्चे को छूने या पकड़ने पर भी बच्चे को इसका अहसास कम या ना के बराबर हो सकता है।
    कुल मिलाकर बच्चों में दिखने वाले सेरेब्रल पाल्सी लक्षण अलग-अलग बच्चों में अलग-अलग हो सकता है।

एक और बात ध्यान देने वाली यह है कि आमतौर से जो बच्चे सिर्फ सेरेब्रल पाल्सी के साथ जन्म लेते हैं। उनमें से ज्यादातर बच्चों में शुरुआती 2 से 3 साल तक ज्यादा कुछ परिवर्तन देखने को नहीं मिलता है। लेकिन जैसे ही वह इस उम्र को पार करते हैं उनका विकास समय के साथ नहीं हो पाता है। यानी कि जो काम बच्चे को 2 या 3 साल की उम्र में करने चाहिए, वह नहीं करता है और जैसे-जैसे उम्र बढ़ता है बच्चे में विकास देखने को नहीं मिलता है। शारीरिक विकास के साथ-साथ बच्चे की बौद्धिक विकास भी काफी प्रभावित होती है।

सेरेब्रल पाल्सी का कारण – Cerebral Palsy Cause in Hindi

सेरेब्रल पाल्सी के कारण (Cerebral Palsy ka Karan) निम्नलिखित हैं –

आमतौर पर सेरेब्रल पाल्सी कारण अपरिपक्व मस्तिष्क को माना जाता है। जब गर्भ में बच्चा पल रहा होता है तब उसका मस्तिष्क पूरी तरीके से विकसित नहीं हो पाता है। यही जन्म के बाद फिर सेरेब्रल पाल्सी का कारण बनता है।


मस्तिष्क पूरी तरीके से विकसित ना होने के कई कारण है। इनमें सबसे सामान्य कारण यह है कि अगर बच्चा गर्भ में है तथा मां को किसी तरह दुर्घटनावश पेट में चोट लग जाए तो इसका असर अगर बच्चे के मस्तिष्क पर होता है। तो बच्चा सेरेब्रल पाल्सी का शिकार हो सकता है।

इसके अलावा किसी भी रूप में अगर मस्तिष्क पर असर होता है तो बच्चा सेरेब्रल पाल्सी का शिकार होता है। अब बच्चे की बीमारी कितनी अधिक होगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि मस्तिष्क का कौन सा भाग प्रभावित हुआ है।

आमतौर से मस्तिष्क को नुकसान बच्चे के जन्म के पहले ही होता है। लेकिन कई बार जन्म के समय भी कुछ गलती की वजह से बच्चे के मस्तिष्क में चोट लग सकती है। तो यह भी सेरेब्रल पाल्सी का कारण बनता है।


इसके अलावा जन्म के बाद पहले 1 साल में बच्चे के मस्तिष्क में कोई चोट लगी है तो इससे भी मस्तिष्क का विकास प्रभावित होता है। और मस्तिष्क विकसित नहीं हो पाता है। यही आगे चलकर सेरेब्रल पाल्सी का कारण बन जाता है। इसके अलावा कभी-कभी जन्म के समय बच्चे के मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। यह भी सेरेब्रल पाल्सी का कारण बन जाता है।

इसके अलावा सेरेब्रल पाल्सी के कारण कुछ और भी हो सकते हैं, वह निम्नलिखित हैं –

  • कुछ Gene भी मस्तिष्क के विकसित ना होने के जिम्मेदार माने जाते हैं। अगर बच्चे में जॉन्डिस है तो यह भी सेरेब्रल पाल्सी कारण बन सकता है।
  • इसके अलावा अगर मां को कुछ इंफेक्शन जैसे कि जर्मन मीजल्स या हर्पीस सिंपलेक्स है तो बच्चे पर इसका असर पड़ सकता है
  • इसके अलावा अगर बच्चे में कोई ब्रेन इंफेक्शन जैसे इंसेफलाइटिस या मेनिनजाइटिस हो गया है तो यह भी सेरेब्रल पाल्सी का कारण हो सकता है।
  • इसके अलावा इंट्राक्रेनियल हैम्रेज या मस्तिष्क के अंदर खून बहने से भी यह हो सकता है।
  • किसी तरह के दुर्घटनावश बच्चे के सर में अगर चोट लग जाए तो यह भी मस्तिष्क पक्षाघात का कारण यानी CP ka karan हो सकता है।

सेरेब्रल पाल्सी रिस्क फैक्टर – Who’s at risk for cerebral palsy in Hindi ?

आमतौर से निम्नलिखित घटनाएं हैं जो सेरेब्रल पाल्सी का कारण बन सकता है। जैसे –

  • किसी बच्चे का जन्म अगर समय से काफी पहले हो गया है यानी प्रीमेच्योर बर्थ है।
  • जन्म के समय बच्चे का बहुत वजन है
  • अगर कोई महिला एक साथ दो या तीन बच्चों को जन्म देती है तो इनमे से किसी बच्चे में सेरेब्रल पाल्सी का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।
  • इसके अलावा बच्चे की डिलीवरी सामान्य नहीं है यानी कि अगर बच्चा के जन्म के समय उसका पैर पहले बाहर आता है तो यह भी संभावित कारण बन सकता है।
  • कोई गर्भवती महिला दुर्घटनावश किसी जहरीले तत्व का शिकार हो गई है तो इसका सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे और होता है और ये सीपी का कारण बन सकता है।

सेरेब्रल पाल्सी के प्रकार – Cerebral Palsy Types in Hindi

सेरेब्रल पाल्सी टाइप्स या सेरेब्रल पाल्सी के प्रकार की बात करें तो मस्तिष्क का कौन सा हिस्सा प्रभावित हुआ है, तथा बच्चे की स्थिति क्या है इसके आधार पर Cerebral Palsy ka parkar निम्नलिखित है –

Spastic cerebral palsy in Hindi – जितने भी बच्चे सीपी के शिकार होते हैं। उनमें से ज्यादातर बच्चे इस्पास्टिक सेरेब्रल पाल्सी के ही शिकार होते हैं। आंकड़ों के अनुसार 80% तक मरीज इसी प्रकार के होते हैं। इस तरह के सीपी में Muscles बिल्कुल स्टीफ यानी करा हो जाता है। साथ ही रिफ्लेक्स काफी बढ़ा हुआ होता है। इससे बच्चे को चलने में काफी ज्यादा समस्या होती है। इसमें बच्चे के चलने का तरीका पूरी तरीके से बदल जाता है। साथ ही बच्चे में बेहद कमजोरी और पैरालाइसिस भी देखने को मिल जाता है।

Dyskinesia cerebral palsy in Hindi – इस तरह के सेरेब्रल पाल्सी में बच्चे के हाथ पैर में बिना उसकी मर्जी के हरकत देखने को मिल सकते हैं। इसे हम इंवॉलंटरी मोमेंट कहते हैं।

इसके अलावा इस तरह के बच्चों में चेहरे तथा जबान भी प्रभावित होते हैं। ऐसे में बच्चे को कुछ खाने में तथा निगलने में काफी दिक्कत होती है। इस तरह के बच्चे ना तो ठीक से बैठ पाते हैं। न चल पाते हैं और ना ही बात कर पाते हैं।

Hypotonic cerebral palsy in Hindi – इस प्रकार के सेरेब्रल पाल्सी में मसल टोन बिल्कुल खत्म हो जाता है। तथा हाथ पैर एकदम लूज़ रहते हैं। लचीले होने की वजह से बच्चों का इस पर कोई नियंत्रण नहीं रहता है। साथ ही बच्चों में मांस पेशियों की कमजोरी की वजह से सांस लेने में भी दिक्कत होती है।
जैसे-जैसे ये बच्चे बड़े होते हैं, उन्हें बैठने में या सीधे होने में काफी दिक्कत होती है। साथ ही यह बहुत मुश्किल से बोल पाते हैं। अगर ऐसे बच्चे चलते भी हैं तो उनके चलने का तरीका नॉर्मल नहीं होता है।

Ataxic cerebral palsy in Hindi – इस सेरेब्रल पाल्सी के प्रकार की खोज हाल ही में की गई है। इस तरह के बच्चों में यह देखने को मिलता है कि उन्हें बैलेंस और कोआर्डिनेशन की काफी कमी होती है। इससे पहले जो भी प्रकार बताए गए हैं उसके मुकाबले इस प्रकार के बच्चे थोड़े बेहतर होते हैं। ऐसे बच्चों में मांसपेशियों पर उनका नियंत्रण थोड़ा बहुत होता है।

Mixed cerebral palsy in Hindi – यह प्रकार सेरेब्रल पाल्सी के सभी टाइप का मिलाजुला रूप है। इसमें आपको सभी तरह के लक्षण देखने को मिल सकते हैं जो कि बाकी ऊपर बताए गए हैं।

सेरेब्रल पाल्सी का लेवल -cerebral palsy levels in Hindi

बच्चों में दिखने वाले सेरेब्रल पाल्सी के लक्षणों के आधार पर इसे अलग-अलग लेवल में बांटा गया है –

Level 1 cerebral palsy in Hindi – level-1 का मतलब यह है कि बच्चा सीपी का शिकार है। लेकिन वह बिना किसी समस्या के चल सकता है।

Level 2 cerebral palsy in Hindi
level-2 में यह होता है कि बच्चा लंबी दूरी तक आराम से चल सकता है। लेकिन वह दौड़ या कूद नहीं सकता है। ऐसे बच्चों को चलने के लिए किसी तरह के असिस्टेंट डिवाइस की जरूरत पड़ सकती है। साथ ही इन्हें इधर उधर आने जाने के लिए Wheelchair की आवश्यकता पड़ सकती है।

Level 3 cerebral palsy in Hindi –
लेवल 3 में वैसे बच्चों को रखा गया है जो थोड़ी सहायता से बैठ सकते हैं। तथा बिना सहारे के खड़े हो सकते हैं लेकिन चल नहीं सकते हैं। इन्हें चलने के लिए किसी के सहारे की जरूरत होती है।

Level 4 cerebral palsy in Hindi –

इस तरह के मरीज किसी असिस्टेंट डिवाइस की मदद से आराम से चल सकते हैं। लेकिन जब यह बैठते हैं तो इन्हें सहारे की जरूरत पड़ती है। साथ ही आम तौर से ऐसे मरीज को भी व्हीलचेयर की आवश्यकता पड़ सकती है।

Level 5 cerebral palsy in Hindi –

इसका मतलब यह होता है कि मरीज को अपनी पोजीशन बदलने के लिए भी किसी के सहारे की जरूरत होती है। ऐसे मरीज को बैठने और खड़े होने के लिए भी किसी के सहारे की जरूरत होगी।

सेरेब्रल पाल्सी की जांच – Cerebral palsy diagnosis in Hindi

इसके जांच के लिए सबसे पहले बच्चे की मां से पहले घटने वाली कुछ घटनाओं के बारे में जानकारी ली जाती है। साथ ही बच्चे का पूरा जांच किया जाता है। उसके बाद दिखने वाले लक्षणों के आधार पर कहा जा सकता है कि यह सेरेब्रल पाल्सी है।

हालांकि डॉक्टर इसे कंफर्म करने के लिए EEG Test Cerebral Palsy के लिए करवा सकते हैं। यह ब्रेन के इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को देखने के लिए किया जाता है।

इसे और कंफर्म करने के लिए तथा बीमारी की गंभीरता को देखने के लिए एमआरआई, सीटी स्कैन, ब्लड टेस्ट समेत कुछ और टेस्ट करवा सकते हैं। इसके बाद पक्के तौर पर यह पता चल जाता है कि यह बच्चे की स्थिति क्या है तथा आगे क्या रह सकती है।

सेरेब्रल पाल्सी का इलाज – Cerebral Palsy treatment in Hindi

सेरेब्रल पाल्सी के उपचार की बात करें तो सेरेब्रल पाल्सी का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी कितनी गंभीर है। आमतौर से एक बार जो बच्चा सेरेब्रल पाल्सी का शिकार हो गया है, उसे पूरी तरीके से ठीक करना लगभग असंभव है। हालांकि स्थिति बेहतर करने के लिए दवाएं दी जाती है। कुछ महंगे-महंगे इंजेक्शन दिए जाते हैं। साथ ही कुछ मामलों में सेरेब्रल पाल्सी की सर्जरी भी की जाती है। लेकिन जन सब का उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करना ही होता है।

सेरेब्रल पाल्सी ट्रीटमेंट का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि बच्चे के जीवन को जहां तक संभव हो बेहतर बनाया जा सके। बच्चे को जो जो समस्या हो रही है उसी को ध्यान में रखते हुए दवाइयां तथा असिस्टेड डिवाइस दिया जाता है।


सेरेब्रल पाल्सी के इलाज में फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका बहुत अधिक हो जाती है। एक फिजियोथेरेपिस्ट नियमित रूप से बच्चे का इलाज करता है। ताकि बच्चे की लाइफ ऑफ क्वालिटी बेहतर हो सके तथा वह एक बेहतर जीवन जी सके।


सेरेब्रल पाल्सी का इलाज के फिजियोथेरेपी के द्वारा कैसे किया जाता है, इस बारे में जानने के लिए आप इस आर्टिकल को पढ़ सकते हैं। इसमें फिजियो थेरेपी के द्वारा इलाज के बारे में विस्तार से बताया गया।

इस लेख में हमने cerebral palsy in Hindi में जानकारी देने की कोशिश की है। हमने बताया कि सेरिब्रल पाल्सी क्या है (Cerebral palsy hindi meaning). सेरेब्रल पाल्सी का कारण क्या है (Cerebral palsy Cause in hindi). सेरेब्रल पाल्सी का लक्षण क्या है (Cerebral palsy symptoms in hindi). सेरेब्रल पाल्सी का इलाज क्या है या मस्तिष्क के लकवा का इलाज क्या है। अगर आप सेरेब्रल पाल्सी के संबंध में या फिजियोथेरेपी के संबंध में कोई और सवाल पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

धन्यवाद

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2 thoughts on “cerebral palsy meaning in hindi : सेरेब्रल पाल्सी क्या है- लक्षण, कारण, जांच, इलाज- cerebral palsy hindi mai”
  1. […] स्पास्टिसिटी काफी अधिक देखी जाती है। सेरेब्रल पाल्सी, ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी, स्ट्रोक, […]

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