फिजियोथेरेपी में, फैराडिक और गैल्वेनिक करंट का उपयोग तंत्रिका को उत्तेजित (stimulate the nerve) करने के लिए किया जाता है। इससे जिससे मांसपेशियों में संकुचन (Contraction) होता है। लेकिन फैराडिक और गैल्वेनिक दोनों करंट दो अलग-अलग प्रकार के होते हैं। और इनका इस्तेमाल दो अलग-अलग Conditions में किया जाता है।
इस लेख में, हम यह बताने की कोशिश करेंगे कि फैराडिक और गैल्वेनिक करंट के बीच क्या अंतर है (difference between faradic and galvanic curren in hindi). और इसके क्या उपयोग और indications हैं।
● फैराडिक और गैल्वेनिक करंट – faradic and galvanic curren in hindi
फैराडिक और गैल्वेनिक करेंट फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में Electotherapy का एक हिस्सा है। Electrotherapy Treatment के लिए low voltage, low-frequency impulse करंट का यूज किया जाता है।
फैराडिक और गैल्वेनिक करंट का उपयोग कई तरह के केस में किया जाता है। आमतौर से ये करंट Electrical Muscle Stimulator के द्वारा मरीज़ को दिया जाता है। इसका उपयोग आमतौर से लकवा के रोगी में, अलग अलग दर्द के इलाज में, मांसपेशियों की मजबूती के लिए, Muscle Reeducation इत्यादि के लिए किया जाता है।
इसे देने का तरीका ये है कि आमतौर पर, Electrical Muscle Stimulator के दो इलेक्ट्रोड मशीन से रोगी की शरीर से जुड़े होते हैं। इलेक्ट्रोड को अक्सर दर्द के प्रभावित क्षेत्र (affected area) पर या दबाव बिंदु (Pressure Point) पर रखा जाता है। यहीं से मशीन से करंट निकलते हुए इलेक्ट्रोड के माध्यम से electrical impulse मरीज़ के nerve fibers तक जाता है।
● लो फ्रीक्वेंसी करंट के प्रकार – types of low frequency current in Hindi
मांसपेशियों के पुनर्वास में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला पल्स वेवफॉर्म हैं
- Galvanic Current
- Interrupted Galvanic Current
- Faradic Current.
- Surged Faradic Current
● गैल्वेनिक करंट – Galvanic Current
इस तरह के करंट में, करंट प्रवाह की अवधि लंबी और निरंतर है। जहां इस करंट का उपयोग किया जाता है उसके आसपास एक इलेक्ट्रिक फील्ड क्रिएट हो जाता है ऐसा माना जाता है कि इस इलेक्ट्रिक बिल क्रिएट होने की वजह से उस जगह के ब्लड फ्लो में अंतर होता है। माना जाता है कि ब्लड फ्लो अच्छा होता है। इससे मरीज़ को आराम मिलती है।
जब Galvanic Current की एक स्थिर प्रवाह ऊतक के माध्यम से लगातार जाता है, तो इसका प्रभाव मुख्य रूप से रासायनिक होता है। इस कारण इलेक्ट्रोड के नीचे की त्वचा के नीचे मौजूद की Ions में मूवमेंट होता है।
डायरेक्ट गैल्वेनिक करंट का इस्तेमाल मुख्य रूप से आयनटोफोरेसिस या आयनिकरण के लिए किया जाता है।इसका उपयोग त्वचा के माध्यम से ऊतकों में ड्रग्स देने, दर्द से राहत के लिए, कमजोर मांसपेशियों की उत्तेजना इत्यादि के लिए होता है। आमतौर से ये स्थितियां atonic paralysis या ब्लड फ्लो के कम होने से बनती है। इनस में इस करंट का उपयोग किया जाता है।
● galvanic current intensity and treatment duration in Hindi
सामान्य तौर पर, शरीर के किसी भी हिस्से से होकर गुजरने वाली Current की Intensity 0.3 से 0.5 mA / cm2 से अधिक नहीं होती है। galvanic current treatment duration 10-20 मिनट होता है।
● गैल्वेनिक करंट का इंडिकेशन – Indication of galvanic current in hindi
Denervated muscle में
ऐसी मांसपेशियों में जो तुरंत थक जाते हों
Pain Threshold को बेहतर करने के लिए
Hyperemia Produce करने के लिए
Iontophoresis के लिए
● बाधित गैल्वेनिक करंट – Interrupted Galvanic Current in Hindi
जैसा कि शब्द से पता चलता है, एक बाधित गैल्वेनिक करंट में, करंट की अवधि interrupted होती है। Impulse Durstion भी लंबी होती है। इसे फ्रीक्वेंसी के साथ एडजस्ट किया जा सकता है।
इसके कई अलग अलग प्रकार होते हैं। जैसे – रेकटाएंगुलर, Triangular, Trapezoidal etc
● फैराडिक करंट – Faradic Current in Hindi
Faradic current शार्ट ड्यूरेशन इंटरप्ट डायरेक्टर करंट की श्रेणी में आता है। इसका Pulse 0.1 से 1 Ms तक तथा फ्रेक्वेन्सी 50 से 100 HZ होती है।
● फैराडिक करंट का इंडिकेशन – Indication of faradic current
मसल री एजुकेशन के लिए
मसल को ट्रेनिंग देने के लिए
मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए