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gastroesophageal reflux disease hindi हिंदी में एसिड भाटा रोग के नाम से जाना जाता है। इसे ही एसिड रिफ्लक्स बीमारी भी कहा जाता है। acid reflux hindi me गर्ड बीमारी या भाटा रोग के नाम से भी जाना जाता है। गर्ड या gerd full form in hindi की बात करें तो Gerd ka Full form ही Gastro Esophageal Reflux Disease होता है।

एसिड भाटा रोग क्या है – acid reflux in hindi

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिज़ीज़ – gastroesophageal reflux disease पाचन तंत्र से संबंधित एक बीमारी है। इसमें जब पेट में मौजूद एसिड या कोई अन्य पदार्थ पेट से वापस (रिफ्लक्स) हो कर खाने की नली, जिसे एसोफेगस कहा जाता है, उसमें आता है तो इसके अंदरूनी परत में जलन होने लगता है।

इसके अलावा सीने में भी जलन होता है। यह गर्ड बिमारी का लक्षण है। अगर किसी व्यक्ति में यह लक्षण बार बार और जल्दी जल्दी दिखाई देता है तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

गर्ड के कारण – Gerd Cause in Hindi

जब आप कुछ निगलते हैं, तो एसोफेगस के सबसे निचले भाग में मौजूद मांसपेशी, जिसे लोवर एसोफेगल स्फिंकचर कहा जाता है, खुल जाता है, ताकि भोजन या तरल पदार्थ वहां से नीचे की ओर पेट में जा सके। इसके नीचे जाते ही यह फिर से बंद हो जाता है।

जब यही लोवर एसोफेगल स्फिंकचर ठीक से काम नही करता है तो यह असामान्य रूप से खुलने और बंद होने लगता है। ऐसा इसके मांसपेशियों के कमजोर होने के कारण होता है। इस स्तिथि में असामान्य रूप से इसके खुलने तथा बंद होने से पेट में मौजूद पदार्थ वापस एसोफेगस (खाने की नली) में आना शुरू हो जाता है। इसी से गर्ड के लक्षण भी दिखने शुरू हो जाते हैं।

गर्ड को बढ़ाने वाली स्तिथि

निम्नलिखित स्तिथि में गर्ड की समस्या में काफी बढ़ोतरी ही जाती है। इसके लक्षण बार – बार दिखने शुरू ही जाते हैं।

• मोटापा
• पेट का हर्निया
• गर्भावस्था
• ध्रूमपान

गर्ड के लक्षण – Gerd Symptoms in Hindi

जब एसिड या भोज्य पदार्थ पेट से वापस एसोफेगस में आता है तो इससे एसोफेगस के अंदरूनी परत में जलन होने लगती है। इसी से गर्ड के लक्षण दिखने शुरू होते हैं।

heartburn ke lakshan in hindi या एसिड भाटा के लक्षण निम्नलिखित हैं –

• छाती के ठीक पीछे सीने में जलन होना
• सीने में दर्द, खास कर झुकने, सोने या खाने के बाद
• खाने या तरल पदार्थ का गले की नली में बार बार वापस आना
• मुंह के स्वाद का खट्टा हो जाना या बदल जाना
• गले में गांठ महसूस होना
• कफ का सुख जाना या अस्थमा जैसे लक्षणों का दिखना
• आवाज़ का भारी हो जाना या गले में खराश आ जाना
• निगलने में दिक्कत आना

गर्ड के लिए जांच – Gerd Test in Hindi

सामान्यतः डॉक्टर मरीज द्वारा लगातार सीने में जलन की शिकायत और बताए गए लक्षण के आधार पर ही इस रोग की पहचान कर लेते हैं। हालांकि कुछ संदेह होने पर डॉक्टर आपको इसके लिए कुछ जांच लिख सकता है। वह जांच निम्नलिखित हैं।

इंडोस्कोपी

एंडोस्कोपी के माध्यम से पाचन नली के अंदर की स्तिथि को देखा जाता है। इसके लिए डॉक्टर इंडोस्कोपी की प्रक्रिया में कैमरे और टॉर्च लगे एक पतले लचीले तार को गले के नीचे उतारा जाता है। इसकी मदद से डॉक्टर एसोफेगस और पेट के अंदर का परीक्षण करता है। इंडोस्कोपी की सहायता से डॉक्टर बॉयोप्सी के लिए अंदर से ही सैम्पल भी ले सकता है। कुछ मामलों में गर्ड की बेहतर ढंग से जांच करने के लिए इंडोस्कोपी अतिआवश्यक हो जाता है।

पी एच स्तर की निगरानी –

इस जांच में एसिड के स्तर को मापने वाले यंत्र का उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग यह जांचने के लिए होता है कि कब और कितने समय के लिए पेट का एसिड वापस एसोफेगस में आता है। इस जांच में एक पतले लचीले कैथेटर का उपयोग किया जाता है। इसे जांच के लिए मरीज की नाक के द्वारा डाल कर एसोफेगस तक पहुंचाया जाता है।

इस जांच के दौरान कैथेटर नाक में ही रहते हुए कंधे या कमर पर लगे एक छोटे से कम्प्यूटर से जुड़ा हुआ रहता है। इस जांच से पहले डॉक्टर गर्ड के लिए ली जा रही दवाओं को लेने से मना कर सकता है।

एसोफेगस के गति की जांच –

यह जांच एसोफेगस की गति तथा एसोफेगस के प्रेशर का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस जांच में भी नाक के द्वारा एक कैथेटर एसोफेगस तक डाला जाता है।

गर्ड का इलाज या एसिड भाटा उपचार – Acid Reflux Treatment in Hindi

सीने में जलन तथा गर्ड के शुरुआती लक्षणों के इलाज के शुरुआत में कुछ सामान्य दवाईयां दी जाती है। यह मुख्यतः एसिड को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इससे आराम न मिलने की स्तिथि में डॉक्टर आपको कुछ अन्य दवाई लेने तथा समस्या बढ़ने पर ऑपरेशन की सलाह दे सकते हैं।

गर्ड के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाईयां – Drugs for Acid Reflux in Hindi

  • पेट के एसिड को नियंत्रित करने के लिए एंटासिड का उपयोग

एंटासिड अकेले ही काफी तेजी से राहत पहुंचाता है। लेकिन यह एसिड के कारण एसोफेगस के इनफ्लामेशन को ठीक नही कर पाता है। इसके अलावा अधिक मात्रा में एंटासिड के उपयोग से कुछ बुरे प्रभाव दिखने शुरू हो सकते हैं। इसमें या तो दस्त हो सकता है या कब्ज़ की समस्या आ सकती है।

  • एसिड बनने की प्रक्रिया को कम करने या बंद करने के लिए दवाई

इस दवाई को एच – 2 रिसेप्टर ब्लॉकर तथा प्रोटॉन पम्प इंहिबिटर कहा जाता है। इसके उपयोग से अधिक्तर मौकों पर फायदा मिलता ही है। इसका उपयोग कुछ लंबे समय तक भी किया जा सकता है। हालांकि इस दवाई का साइड इफेक्ट यह है कि यह ब्लड प्रेशर के लिए या हृदय के लिए उपयोग की जाने वाले दवाई के असर को कम कर देता है। इस लिए अगर ऐसी दवाई ले रहे हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को बताना जरूरी है।

  • लोवर एसोफेगल स्फिंकचर को मज़बूत करने के लिए दवाई

प्रोकाइनेटिक ग्रुप की दवाइयों का उपयोग पेट को तेजी से खाली करने में मदद करता है। इससे पेट तथा एसोफेगस के बीच मौजूद वाल्व को भी मजबूती मिलती है।

गर्ड का सर्जरी के द्वारा इलाज – Surgery for Gerd in Hindi

इसके सर्जरी में लोवर एसोफेगल स्फिंकचर की सर्जरी की जाती है। ऐसा रिफलेक्स को रोकने के लिए किया जाता है। इसकी सर्जरी इसे पूरे तरीके से खोल कर या लैप्रोस्कोप की मदद से किया जाता है। ओपन सर्जरी में डॉक्टर पेट में एक लंबा से चिड़ा लगाता है। लैप्रोस्कोपिक में डॉक्टर पेट में 3 या 4 छोटे छोटे चीरे लगता है। इसके द्वारा वह यंत्रों को पेट में डालता है। इसके साथ ही अंदर की ओर एक छोटा कैमरा भी डाला जाता है।

गर्ड से बचाव – Gerd Prevention in Hindi

गर्ड से बचाव के लिए शरीर के वजन को बिल्कुल नियंत्रित रखें

अधिक कसे हुए कपड़े पहनने से बचें

तले हुए और मसालेदार खाना खाने से बचें

थोड़ा – थोड़ा खाना खाएं, ज़्यादा खाने से बचें

खाने के तुरंत बाद न सोएं

सिरहाने की ओर से बिस्तर को थोड़ा ऊंचा रखें

ध्रूमपान न करें

नोट- इस लेख में बताई गई जानकारियों को केवल जानकारी के तौर पर ही लें। इलाज संबंधित कोई भी फैसला डॉक्टर की सलाह पर ही लें।

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