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hijama चिकित्सा : हिजामा क्या है – Cupping चिकित्सा के प्रकार, फायदे, नुकसान, तरीका – Hijama hindi me

पिछले कुछ समय में लोगों ने अब दवाओं तथा इंजेक्शन के विकल्प ढूंढने शुरू कर दिए हैं। अब लोग ऐसा इलाज चाहते हैं जहां दवाई और सुई का सहारा कम से कम या ना के बराबर लेना पड़े। इसलिए अब वैकल्पिक इलाजों की मांग पिछले कुछ समय में बढ़ी है। इस कारण पिछले कुछ सालों में कपिंग थेरेपी (Cupping therapy) भी काफी चर्चा में रह है। कई लोगों के लिए कपिंग थेरेपी नया शब्द होता है। इस लिए लोग Cupping therapy Hindi mein या Hijama Hindi me जानना चाहते हैं। लोग जानना चाहते हैं कि कपिंग थेरेपी क्या है. या हिजामा थेरेपी क्या है (Cupping therapy kya hai या Hijama kya hai hindi me).

तो पहले बता दें कि hijama therapy को ही कपिंग थेरेपी (Hijama in Hindi) भी कहा जाता है। अगर आप हिजामा थेरेपी के बारे में और विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़ें।

इस आर्टिकल में हम आपको हिंदी में हिजामा थेरेपी (hijama kya hai hindi me) के बारे में बताएंगे। साथ ही हम बताएंगे कि हिजामा थेरेपी क्या है (hijama therapy in hindi). हिजामा के फायदे क्या है (hijama ke fayde hindi). हिजामा करने का तरीका क्या है या हिजामा कैसे किया जाता है (Hijama kaise kiya jata hai). इसके अलावा हम आपको हिजामा के फायदे (hijama benefits hindi) और हिजामा के साइड इफेक्ट (cupping therapy side effects in hindi) के बारे में भी बताएंगे।

इस लिए हिजामा क्या है या हिजामा थेरेपी क्या है तथा इसके बारे में बाकी महत्वपूर्ण बातें हिंदी में (hijama hindi mai) विस्तार से जानने के लिए इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़ें।

हिजामा का अर्थ – Hijama Meaning Hindi

सबसे पहले हिजामा का अर्थ (hijama hindi meaning) जानना ज़रूरी है। हिजामा अरबी का एक शब्द है। इसका अर्थ किसी चीज़ को बाहर खींच कर निकालना होता है। यहां Hijama Treatment के संदर्भ में खून को बाहर खींचा जाता है।

हिजामा क्या होता है – hijama kya hai hindi me

Hijama ka matlab kya hai या Hijama therapy kya hota hai इसका जवाब ये है कि हिजामा ट्रीटमेंट का वर्षों पुराना तरीका है। हिजामा ट्रीटमेंट या hijama therapy के द्वारा कई तरीके के बीमारियों का इलाज बिना किसी दवा या इंजेक्शन के किया जाता है। हिजामा थेरेपी का कंसेप्ट यह है कि ऐसा माना जाता है कि एक समय के बाद व्यक्ति के शरीर में गंदे खून की मात्रा काफी बढ़ जाती है। जो कि धीरे-धीरे व्यक्ति के त्वचा के ठीक नीचे जमा होने लगता है। इसे जहरीला खून कहा जाता है जो स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक माना जाता है।

कपिंग थेरेपी के द्वारा इसी खून को त्वचा के नीचे से कई तकनीकों का उपयोग करते हुए निकाला जाता है। इससे काफी फायदा होता है। हिजामा थेरेपी के दौरान व्यक्ति के शरीर में है तकनीकों का उपयोग करते हुए इन जहरीले खून को एक विशेष कप द्वारा एक जगह एकत्र किया जाता है। फिर वहां से उस कप में वैक्यूम क्रिएट करते हुए खून को बाहर खींच लिया जाता है। इसके बारे में आगे और विस्तार से हम आपको बता रहे हैं।

हिजामा थेरेपी का इतिहास – History of Hijama Treatment in Hindi

हिजामा थेरेपी का सबूत हजारों साल पहले से मिलता है। माना जाता है कि हिजामा थेरेपी कमोबेश 5000 साल पुरानी तकनीक हो सकती है। इसे खासकर अरब देशों में बड़े स्तर पर किया जाता था। इसके अलावा चीन में भी हिजामा थेरेपी किया जाता था। यही कारण है कि इस दुनिया में जो चिकित्सा जगत से जुड़ी सबसे पुरानी किताब है उसमें भी हिजामा थेरेपी के बारे में देखने को मिलता है।

इस दुनिया में सबसे पुरानी मेडिकल टेक्स्ट बुक Ebers Papyrus को माना जाता है। इस किताब में भी यह जिक्र देखने को मिलता है कि लगभग 1550 B. C के आसपास किस तरीके से मिस्र के लोगों द्वारा बड़े स्तर पर hijama cupping therapy का उपयोग किया जाता था। साथ ही इस किताब में हिजामा के फायदे (Hijama ke fayde hindi) के बारे में भी बताया गया है।

हिजामा थेरोपी का इतिहास जानने के बाद चलिए इससे जुड़ी कुछ और महत्वपूर्ण बातें आगे जानते हैं।

हिजामा थेरेपी के प्रकार – Types of Cupping therapy in Hindi या Hijama Types in Hindi

ऊपर आपको पता चल चुका है कि हिजामा क्या होता है (Hijama kya hota hai). इस लिए चलिए आपको हिजामा के प्रकार के बारे में बताते हैं।

हिजामा के प्रकार या कपिंग थेरेपी के प्रकार 2 तरीके के होते हैं।

  • ड्राई हिजामा थेरेपी – Dry Hijama Therapy
  • वेट हिजामा थेरेपी – Wet Hijama Therapy
  1. ड्राई हिजामा थेरेपी हिंदी में – Dry Hijama Therapy in Hindi –

इस तरीके के हिजामा ट्रीटमेंट करने का तरीका यह है कि इसमें मरीज के शरीर पर किसी तरीके के कट नहीं लगाए जाते हैं। बल्कि केवल Cup का उपयोग करते हुए शरीर के अलग-अलग हिस्सों में गंदे खून को एकत्र कर दिया जाता है। जहां पर यह खून एकत्र होते हैं वहां पर एक लाल थक्का नजर आने लगता है। साथ ही इस तरीके के हिजामा ट्रीटमेंट में मांसपेशियों का मसाज भी अच्छे तरीके से हो जाता है।

  1. वेट हिजामा थेरेपी – Wet Hijama Therapy in Hindi –

इस प्रकार के हिजामा थेरेपी में पूरी प्रक्रिया ड्राई हिजामा थेरेपी की ही तरह होता है। लेकिन इसमें जो खून Cup द्वारा एक जगह इकट्ठा किया जाता है, उसे कुछ छोटा – छोटा कट लगाते हुए शरीर से बाहर निकाल कर फेंक दिया जाता है। यह खून Cup द्वारा शक्शन करते हुए शरीर के बाहर खींचा जाता है। हिजामा के इसी तरीके को सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है। तथा इससे हिजामा थेरेपी के फायदे भी काफी ज्यादा नजर आते हैं।

हिजामा कैसे होता है – Hijama kaise kiya jata hai

Hijama therapy in Hindi / Cupping therapy in Hindi

अब तक ऊपर पढ़कर आपको समझ आ गया होगा कि हिजामा कैसे होता है या हिजामा कैसे किया जाता है। लेकिन अभी अगर थोड़ा कंफ्यूजन है तो अब दूर हो जाएगा। दरअसल हिजामा करने का तरीका यह है कि मरीज के शरीर पर कई Cups एक साथ लगाए जाते हैं। यह कप रबर, प्लास्टिक सिलिकॉन के साथ-साथ कुछ अन्य मटेरियल के भी बने हो सकते हैं। इन कब को शरीर पर लगाने के बाद उस कप में एक निर्वात की स्थिति यानी ऐसी स्थिति पैदा की जाती है जिससे कि कप के अंदर जरा भी हवा नहीं रहता है।

इसके बाद उस कप की मदद से शरीर के ऊपर उसे घुमाते हुए खून को एक जगह इकट्ठा किया जाता है। बाद में कप एक जगह कुछ मिनट तक लगाए रखने के बाद हटा लिया जाता है। फिर उस जगह स्क्रीन पर हल्का कट लगाते हुए खून को बाहर खींच लिया जाता।

हिजामा थेरेपी के दौरान लगाया जाने वाला कट बेहद छोटा होता है। तथा इसमें है बहुत ज्यादा दर्द भी नहीं होता है। इसलिए आराम से कोई भी इसे करवा सकता है।

Hijama चिकित्सा लाभ – cupping therapy benefits hindi

कई लोगों के हेज़न में सवाल आता है की हिजामा से क्या होता है (Hijama se kya hota hai) तो बता दें कि शरीर पर हिजामा थेरेपी कई तरीके से सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है। इससे शरीर में एक नई ऊर्जा मिलती है। Cupping चिकित्सा के लाभ या Hijama चिकित्सा लाभ असरकारक होता है। cupping therapy benefits in hindi में आगे हम बता रहे हैं।

हिजामा के फायदे Hijama ke Fayde hindi में या Hijama Benefits Hindi mein निम्नलिखित है –

  • हिजामा थेरेपी कई तरह के दर्द कम करने में मददगार साबित होता है।
  • हिजामा थेरेपी इन्फ्लेमेशन भी कम करता है।
  • हिजामा थेरेपी द्वारा ब्लड फ्लो भी बेहतर होता है जिससे शरीर में नई ऊर्जा मिलती है।
    हिजामा थेरेपी द्वारा मांसपेशियों का बेहतर तरीके से मसाज भी होता है।
  • हिजामा थेरेपी से व्यक्ति को रिलैक्स महसूस होता है।
  • हिजामा थेरेपी द्वारा मांसपेशियों का रिलैक्सेशन होता है क्यों कि हिजामा थेरेपी एक प्रकार का डीप टिशु मसाज भी है।
  • हिजामा थेरेपी बालों के लिए काफी कारगर माना जाता है। कम उम्र में ही बाल उड़ने की समस्या काफी आम है। ऐसा कई बार सर के त्वचा के ठीक नीचे काफी गंदगी जमा होने की वजह से होता है। हिजामा थेरेपी द्वारा उस गंदगी को निकाला जाता है जिससे तेजी से फिर से बाल उगने लगते हैं।
  • डायबिटीज, थायराइड, मोटापा समेत कई अन्य बीमारियों में हिजामा काफी बेहतर इलाज माना जाता है।
  • हिजामा खून को साफ रखता है।
  • Hijama Therapy हॉर्मोन लेवल ठीक करता है।

इन सबके अलावा भी एक व्यक्ति के शरीर में कई तरह के फायदे हिजामा थेरेपी के बाद देखने को मिलता है। Hijama benefits hindi mein या हिजामा इन हिंदी में अब आपको समझ आ गया होगा। यह भी पता चल गया है कि hijama se kya hota hai.

Hijama साइड इफेक्ट – cupping therapy side effects in hindi

हिजामा के नुकसान (Hijama Side effects in Hindi) की बात करें तो आमतौर से हिजामा थेरेपी को काफी सुरक्षित माना जाता है। इसे करवाने के बाद किसी तरीके के साइड इफेक्ट्स अब तक देखने को नहीं मिले हैं। हालांकि इस पर अभी भी रिसर्च किया जा रहा है, फिर भी इसे इलाज के लिए बिल्कुल सुरक्षित तरीका माना जाता है।

हालांकि कुछ संभावित चीजें हैं जो आपको Hijama Treatment के बाद महसूस हो सकती है। जैसे कि कई बार खून निकालने के लिए जो छोटे कट लगाए जाते हैं, उसमें दर्द हो सकता है। हालांकि यह कट बेहद छोटे होते हैं जिससे कि आपको बस इतना ही दर्द होता है जैसे किसी चींटी के काटने के बाद होता है। इसके अलावा कुछ लोगों को मांसपेशियों में थोड़ी देर खिंचाव महसूस हो सकता है। लेकिन फिर यह अपने आप ठीक हो जाता है। कुल मिलाकर फिलहाल हिजामा थेरेपी के नुकसान नहीं है।

हिजामा करवाने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कि आपको त्वचा से जुड़ी कोई बीमारी नहीं है। साथ ही यह भी ध्यान दें कि जहां आप हिजामा करवा रहे हैं, वहां साफ सफाई का काफी बेहतर ख्याल रखा जाता है। क्योंकि साफ सफाई ना होने से इन्फेक्शन का डर हो सकता है। अगर कोई मरीज खून पतला होने की दवाई ले रहा है या खून से संबंधित किसी भी बीमारी से ग्रसित है तो उसे हिजामा करवाने से पहले विशेषज्ञों से सलाह ले लेनी चाहिए।

हिजामा थेरेपी कब करवाना चाहिए – Hijama kab karwana Chahiye

ऐसा जरूरी नहीं है कि हिजामा थेरेपी करवाने के लिए किसी व्यक्ति को बीमार होना जरूरी है। बल्कि हिजामा एक स्वस्थ व्यक्ति को ही खासतौर से करवाना चाहिए, ताकि नियमित रूप से शरीर से गंदगी निकलती रहे और व्यक्ति किसी तरह के बीमारी का शिकार ना हो। लगातार हिजामा करवाने से व्यक्ति का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक रहने के साथ-साथ ऊर्जावान भी व्यक्ति बना रहता है।

hijama kab karna chahiye इसका जवाब ये है कि अगर आप किसी बीमारी के इलाज के लिए हिजामा करवा रहे हैं तो आपको लगभग 12 से 15 दिन पर एक सेशन करवाना होगा। इस तरह के कम से कम 3 से 4 सेशन में फायदा दिखने लगता है। अगर आप खुद को स्वस्थ रखने के लिए केवल हिजामा करवा रहे हैं तो महीने में 1 सेशन करवाना काफी होता है। कुछ लोग 2 महीने या 3 महीने में भी एक बार हिजामा करवाते हैं। यह आपकी इच्छा पर निर्भर करता है कि आप कितने दिनों पर हिजामा करवाना चाहते हैं।

इस्लाम धर्म में हिजामा का अलग ही महत्व है इसे सुन्नत माना जाता है। इसलिए कई लोग इसे नियमित रूप से करवाते हैं। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी इस्लामी महीने के 17, 19 और 21 तारीख को हिजामा करवाना बेहतर माना गया है।

बाकी आपकी इच्छा पर निर्भर करता है आप आप जब चाहे हिजामा करवा सकते हैं।

हिजामा कीमत – Hijama Price in Hindi

अलग-अलग शहरों में तथा अलग-अलग हिजामा थेरेपिस्ट (Hijama Therapist) के यहां हिजामा ट्रीटमेंट कॉस्ट अलग अलग हो सकता है। आमतौर पर Hijama Treatment के एक सेशन के लिए ₹800 से लेकर ₹1000 तक देने पर पर सकते हैं।

इस आर्टिकल में हमने हिंदी में हिजामा (Hijama in Hindi) जानकारी देने की कोशिश की है कि हिजामा क्या है (Hijama Kya hai), हिजामा के प्रकार क्या है। हिजामा कैसे किया जाता है तथा हिजामा का मतलब क्या होता है। अगर आप hijama cupping therapy in hindi या cup therapy in hindi से जुड़ी कोई और बात जानना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

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One thought on “hijama चिकित्सा : हिजामा क्या है – Cupping चिकित्सा के प्रकार, फायदे, नुकसान, तरीका – Hijama hindi me”
  1. I’m of 63 hvg fungal infection between thies & chronic bronchitis so may it possible for me to do the said therepy & as I’m a resident of Maharashtra India is it available in Maharashtra so ur quick response will highly be appreciated so will u plz 🙏

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