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कई लोग जब कूल्हे के दर्द या पैर दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं तो इनमें से कई मरीज को डॉक्टर बताते हैं कि उन्हें पीरीफोर्मिस सिंड्रोम या पायरी फोर्मिस सिंड्रोम है। ऐसे में लोगों के दिमाग में यह सवाल उठने लगता है कि पीरीफोर्मिस सिंड्रोम क्या होता है। या ये पायरी फोर्मिस सिंड्रोम क्या होता है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि पिरिफॉर्मिस सिंड्रोम क्या है (Piriformis Syndrome kya hai). या पीरीफोर्मिस सिंड्रोम क्या होता है (Piriformis Syndrome kya hota hai) तो इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़ें।

इस आर्टिकल में आपको हम हिंदी में पीरीफोर्मिस सिंड्रोम क्या होता है (Piriformis Syndrome in Hindi) ये बताएंगे। पिरिफॉर्मिस सिंड्रोम के लक्षण क्या है (Piriformis Syndrome Symptoms in Hindi). पिरिफॉर्मिस सिंड्रोम के कारण क्या है (Piriformis Syndrome Cause in Hindi). तथा पीरीफोर्मिस सिंड्रोम का इलाज क्या है (Piriformis Syndrome Treatment in Hindi). इन सब के बारे में भी आपको इसमें जानकारी मिलेगी।

पिरिफोर्मिस सिंड्रोम इन हिंदी – Piriformis Syndrome Meaning In Hindi

पिरिफोर्मिस सिंड्रोम क्या है :– पिरिफोर्मिस सिंड्रोम एक विकार है जो तंत्रिकाओं (Nerves) की कमजोरी से संबंधित है। इसमें आम तोर से कूल्हे में और नितंबो (Buttock) में झुनझुनी या फिर दर्द होता है। यह दर्द इस बात पर आधारित है की तंत्रिकाओं में कितनी समस्या है। अगर समस्या कम है तो दर्द थोड़े से समय के लिए होगा फिर ठीक हो जाऐगा। अगर समस्या ज्यादा है तो दर्द बार-बार होता रहेगा।

पिरिफोर्मिस सिंड्रोम को आसानी से आप इस तरह समझ सकते हैं कि Buttock के ठीक पीछे से एक विशेष मांसपेशियां जाती है जिसे Piriformis Muscle कहा जाता है। जब ये Muscle कुछ कारणों से असामान्य हो जाती हैं तो ये साइटिका नाम के नस पर दबाव डालने लगते हैं। इसी कारण साइटिका की समस्या होती है। और जब Piriformis Muscle साइटिका पर दबाव डालने लगता है तो इसे ही Piriformis Syndrom कहते हैं। इसे आप नीचे फोटो में देख कर समझ सकते हैं 👇

Piriformis Syndrome in Hindi

पिरिफॉर्मिस सिंड्रोम के प्रकार – Types of Piriformis types in Hindi

पिरिफॉर्मिस सिंड्रोम दो प्रकार का होता है :-

  1. Primary Piriformis Syndrome:– प्राइमरी पिरिफोर्मिस सिंड्रोम तब होता है जब साइटिका तंत्रिकाओं में कोई विकृतिया हो या फिर जन्म से ही कोई समस्या हो। प्राइमरी पिरिफोमिस सिंड्रोम के मामले 15% होती है।
  2. Secondary Piriformis Syndrome:- सेकेंडरी Piriformis Syndrom की समस्या उन लोगों में देखी जा सकती है, जिन का काम लंबे समय तक बैठ के करने से होती है। यह समस्या 85% लोगो में ज्यादा होती है।

पिरिफोर्मिस सिंड्रोम के लक्षण – Piriformis Syndrome Symptoms in Hindi

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पिरिफोर्मिस सिंड्रोम का लक्ष्ण ये है की दर्द आपके कूल्हे से होकर आपकी टांगो तक जाता है। वैसे तो आपकी टांगो में कई प्रकार का दर्द हो सकता है पर हर दर्द पिरिफोर्मिस सिंड्रोम का दर्द नहीं होता। पिरिफोर्मिस सिंड्रोम के और भी कई लक्षण है जो की निम्नलिखित है :-

  1. पिरिफोर्मिस सिंड्रोम का जब दर्द होता है तो आपके लिए काम करना भी मुश्किल हो जाता है आप ठीक तरह से चल भी नहीं सकते।
  2. पिरिफोर्मिस सिंड्रोम में कई बार इंसान के पीठ में इतना दर्द होता है की वह मुड़ भी नही पता।
  3. ) पिरिफोर्मिस सिंड्रोम में अगर आप लंबे समय तक बैठेते है तो आपको दर्द महसूस होगा और आपकी टंगे सुन्न होना शुरू हो जाएंगी। अगर समस्या ज्यादा है तो आप 15 से 20 Min भी बैठते है तो आपको दर्द महसूस होगा।
  4. ) पिरिफोर्मिस सिंड्रोम में दर्द होने के साथ साथ आपको अपनी टांगों में सुन्न भी महसूस होगा कई बार ऐसा लगता है कि दर्द सुई जैसी चुभती है।

Note:- पिरिफोमिस सिंड्रोम में दर्द एक कूल्हे में होता है चाहे वह दायां हो या फिर बाया।

पिरिफोर्मिस सिंड्रोम के कारण – Pirifromis Syndrome Cause in Hindi

पिरिफोर्मिस सिंड्रोम की समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जिन का काम लंबे समय तक बैठ के करने वाला होता है। यह सब से ज्यादा उन लोगों में होती है जिन की उम्र 40-60 साल के अन्तर्गत होती है। पिरिफोर्मिस सिंड्रोम की समस्या उन लोगों में भी होती है जो व्यायाम जैसे की ( कूदना, भागना ) ठीक ढंग से नहीं करते।

पिरिफोर्मिस सिंड्रोम का मुख्य कारण यह भी है कि पिरिफोर्मिस तंत्रिकाओं में जन्म से ही कुछ समस्या हो। परंतु यह समस्या बहोत ही कम लोगो को होती है।

पिरिफोमिस सिंड्रोम के उपचार – Piriformis syndrome treatment in hindi

पिरिफोर्मिस सिंड्रोम के इलाज के लिए हम पिरिफोर्मिस सिंड्रोम से आधारित दवाइया ले सकते हैं। पिरिफोर्मिस सिंड्रोम के लिए हम व्यायाम कर सकते है ताकि हमारी पिरिफोर्मिस तंत्रिकाओं की समस्या को दूर कर सके। मरीज़ को लंबे समय तक बैठने से परहेज करना है। अगर आपका काम लंबे समय तक बैठ के करने वाला है तो आप बीच बीच में खड़े होकर चल ले ताकि आपकी मासपेशियां आराम की स्तिथि में आ जाए। इसे आप Piriformis syndrome treatment at home के रूप में भी आजमा सकते हैं।

पिरिफॉर्मिस सिंड्रोम का उपचार है जो सबसे प्रभावी है, वह है physiotherapy. physiotherapy आप किसी विशेषज्ञ फिजियोथेरेपिस्ट की मदद से ही लें ताकि आपको बाद में कोई तकलीफ ना हो।

पिरिफॉर्मिस सिंड्रोम की समस्या दवाइया, व्यायाम और physiotherapy से ठीक हो सकती है। 1000 में से 1 इंसान ही होता है जिस को Opration की जरूरत होती है । इस का Opration बहोत ही आसान होता है इस में डरने की कोई बात नहीं होती नही तो लोग Opration के नाम से ही डरने लगते हैं इस में डरने की जरूरत नहीं होती।

पिरिफॉर्मिस सिंड्रोम के  व्यायाम – Piriformis syndrome exercises in hindi

पिरिफॉर्मिस सिंड्रोम के व्यायाम कुझ इस प्रकार है:-

  1. आपको सीधा लेट जाना है और आपको अपने घुटनो को मोड़ लेना है और आपको अपने कूल्हे को ऊपर की ओर ले कर जाना है फिर नीचे की ओर ले कर आना है। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपकी पीठ जमीन को ही छूते रहनी चाहिए। आपकी पीठ ऊपर नहीं जानी चाहिए। इस व्यायाम को अपने दिन में तीन बार (Sets) करना है और हर बार में 10 (Reps) होने चाइए।
  2. दूसरे व्यायाम मे आपको अपने कूल्हे के साथ साथ अपनी कमर को भी ऊपर ले कर जाना है फिर नीचे ले कर आना है। इस को भी अपने दिन में तीन बार (Sets) करना है। और हर बार में 10 (Reps) होने चाइए।
  3. तेसरे व्यायाम में आपको सीधा लेट जाना है। और अपने एक पैर के घुटने को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी छाती की ओर ले कर आना है। इस में जो आपका दूसरा पैर है वोह वैसे का वैसा ही रहेगा बिलकुल सीधे का सीधा। उस को मोड़ना बिलकुल भी नहीं है। इस को भी आपको दिन में तीन बार ( Sets ) करना है। और हर बार में 10 ( Reps ) होने चाइए।

इन सब के अलावा फिजियोथेरेपिस्ट Hot Water Bottle या Gel Bottel के साथ – साथ कुछ अन्य मशीनों के माध्यम से भी इलाज करते है। आप किसी विशेषज्ञ फिजियोथेरेपिस्ट से जानकारी लेकर बड़ी आसानी से कमर के दर्द का इलाज या कूल्हे के दर्द का इलाज करवा सकते हैं जो कि पिरिफॉर्मिस सिंड्रोम के कारण हो रहा है।

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