Total Hip Replacement Hindi में कूल्हों का पूर्ण प्रतिस्थापन या कूल्हा प्रतिस्थापन के नाम से जाना जाता है। इस आर्टिकल में बताएंगे कि Hip Replacement kya hai तथा इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें भी बताई गई है।
जब हिप जॉइंट में कुछ समस्या आने लगती है, तथा इस कारण दर्द काफी बढ़ जाता है तो टोटल हिप रिप्लेसमेंट (Total Hip Replacement) किया जाता है।
इसके अलावा अगर जॉइंट में मूवमेंट्स बंद हो जाते हैं, तो भी इसकी आवश्यकता होती है। Total Hip Replacement को शॉर्ट में ही THR भी कहा जाता है। THR आजकल काफी सामान्य है।
अधिक्तर 50 से अधिक उम्र के लोगों को दर्द की शिकायत के बाद इस प्रक्रिया से गुजरना होता है। इस लेख में आपको Total Hip Replacement Hindi mein बताएंगे। इसके अलावा THR के बाद Physiotherapy management in Total hip Replacement के बारे में भी बताएंगे।
● हिप रिप्लेसमेंट क्या है – Total hip replacement hindi

Total Hip Replacement kya hai, इसका जवाब यह है कि THR की प्रक्रिया में हिप बोन के एसीटाबुलम (Acetabulom) तथा जांघ की हड्डी, जिसे फीमर कहा जाता है, उसके ऊपरी हिस्से (Head of Femure) को हटा कर उसकी जगह कृत्रिम (आर्टिफिशियल) तरीके से बने हिस्सों को लगा दिया जाता है।
आर्टिफिशियल हिस्सों को बनाने के लिए स्टेनलेस स्टील तथा पिलिएथिलीन का उपयोग किया जाता है।
● टोटल हिप रिप्लेसमेंट का तरीका ( Method of Total Hip Replacement)
• सीमेंटेड – इसका उपयोग अब बहुत कम या न के बराबर ही होता है। क्योंकि फिर भविष्य में कुछ समस्या होने पर फिर से यहां कुछ करने में थोड़ी समस्या आती है।
• अनसीमेंटेड – वर्तमान समय में इसका उपयोग काफी अधिक होता है। यह उपयोग में काफी आसान है। भविष्य में ज़रूरत होने पर भी बड़ी आसानी से कभी भी बदल सकते हैं। इस मेथड की खासियत यह होती है कि यह लंबे समय तक मरीज़ों को दर्द और अन्य समस्याओं से निजात दिला देता है। इसके बाद व्यक्ति आराम से कई वर्षों तक रह सकता है।
● टोटल हिप रिप्लेसमेंट के बाद फिजियोथेरेपी – Physiotherapy total hip replacement protocol
टोटल हिप रिप्लेसमेंट के बाद (Physiotherapy after total hip replacement) फिजिएथेरेपी कि भूमिका काफी अहम होती है। इसमें फिजिएथेरेपी का रोल केवल ऑपरेशन के बाद ही नही, बल्कि ऑपरेशन के पहले भी होता है। Role of physiotherapy in total hip replacement को विभिन्न चरणों में समझा जा सकता है।
• ऑपरेशन से पहले (Preoperative) – ऑपरेशन से पहले फिजियो की भूमिका है की वह मरीज को बाद के फिजोयो प्रक्रिया के बारे में विस्तार से समझा दें।
● THR के बाद फिजियो ( Physiotherapy post total hip replacement )
फिजिएथेरेपी ऑपरेशन के बाद काफी अहम होता है। सबसे पहले ज़रूरी होता है कि मरीज के मनोबल को वापस लाया जाए। इसके बाद मरीज को समझाएं की फिलहाल क्या करना चाहिए और क्या नही। इसके अलावा फिजिएथेरेपी का मुख्य उद्देश्य हिप जॉइंट में मांसपेशियों को फिर से मज़बूत बनाना तथा मूवमेंट वापस लाना होता है।
THR के बाद फिजिएथेरेपी चरणबद्ध तरीके से की जाती है। इसे दिनों के आधार पर बांटा जाता है।
• THR के पहले दिन – पहले दिन कुछ खास नही करना है। सबसे पहले ध्यान दें कि मरीज पूरी तरह बेड रेस्ट पर ही रहेंगे। इसके बाद फिजियोथेरेपिस्ट हिप जॉइंट पर कुछ मूवमेंट्स देंगे। यहां Abduction तथा Aduction मुंवमेंट किया जाएगा। ध्यान दें कि दोनों ही मूवमेंट बस 13 से 14 डिग्री तक ही होंगे।
इसके अलावा Hip and Knee का Flexion और Extension 90° तक होगा। इसके अलावा एड़ी तथा पैर का भी एक्सरसाइज करना ज़रूरी है। इस दौरान ध्यान दें कि फिजियोथेरेपिस्ट किसी भी मुंवमेंट में पहले दिन बिल्कुल भी अपनी ओर से ताकत न लगाएं। अन्यथा काफी मुश्किल हो सकती है।
• THR के दूसरे दिन – दूसरे दिन भी पहले दिन की ही प्रक्रिया को दोहराएं। अगर मरीज की हालत ठीक लग रही है, तो उन्हें बेड पर ही बैठाने की कोशिश की जा सकती है।
• THR के तीसरे दिन से 10वें दिन तक – ऑपरेशन के तीसरे दिन से मरीज को खड़ा करने की कोशिश कर सकते हैं। उन्हें वाकर की मदद से या किसी फ्रेम या किसी अन्य चीज़ की सहायता से ही खड़ा करें। यह प्रक्रिया मरीज के स्वास्थ्य में प्रगति के हिसाब से बदल सकते हैं। ध्यान दें कि मरीज को पहले वाकर की मदद से चलने को कहें। इसके बाद किसी छड़ी की मदद से या Elbow Crutch की मदद से चलें। धीरे – धीरे सुधार के हिसाब से बिना किसी चीज़ के मदद के ही चल सकते हैं।
इसके अलावा physiotherapy management for total hip replacement में निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना ज़रूरी है-
धीरे – धीरे मरीज को आत्मनिर्भर बनाएं।
हमेशा जूता पहन कर ही चलें।
हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद भी डॉक्टर के बताए अनुसार फिजिएथेरेपी जारी रहनी चाहिए।
फिजिएथेरेपी डॉक्टर के बिना इजाज़त के फिजिएथेरेपी बंद न करें।
THR के बाद शुरुआत में कुछ महीने तक पैर और पैर चढ़ा कर (Cross Leg) न बैठें।
पहले 6 हफ़्ते तक पैर को घसीट कर बिल्कुल न चलें।
अगर 4 से 6 हफ्ते बाद भी Stifness है तो फिजियोथेरेपिस्ट वहां हाइड्रोथेरेपी का उपयोग करें।
किसी भी प्रकार की समस्या आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर कोई दिक्कत हो तो, मरीज को चाहिए कि फिजियोथेरेपिस्ट से न छुपाएं।
इस लेख में हमने आपको Total Hip Replacement in Hindi की पूरी जानकारी देने की कोशिश की है। अगर आप कुछ और जानकारी चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
नोट- इस लेख में बताई गई जानकारियों को केवल जानकारी के तौर पर ही लें। इलाज संबंधित कोई भी फैसला डॉक्टर की सलाह पर ही लें।
धन्यवाद