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महिलाओं में होने वाले यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की पूरी जानकारी – Urinary Incontinence In Hindi

● Urinary Incontinence Meaning in hindi

यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस एक ऐसी स्तिथि है, इससे ग्रसित महिलाएं मूत्र (पेशाब) को रोके रखने की क्षमता खो देती हैं। यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस सभी उम्र की महिलाओं में होने वाली एक सामान्य समस्या है। इसे Urine Incontinence भी कहा जाता है। urine incontinence को हिंदी में मूत्र असंयमता कहा जाता है।

● यूरीनरी इंकॉन्टिनेंस के प्रकार – Types of Urinary Incontinence in hindi

Urinary Incontinence in Hindi

यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस यानी मूत्र असंयमता दो प्रकार के होते हैं

स्ट्रेस इंकॉन्टिनेंस (Stress Incontinence)– स्ट्रेस इंकॉन्टिनेंस की स्तिथि में खांसने, छींकने, व्यायाम करने, हंसने, कुछ भारी सामान उठाने या कभी – कभी केवल चलने या अचानक सोने तथा बैठने की स्तिथि में बदलाव मात्र से ही मूत्र रिसने (लीक करने) लगता है।

अर्ज इंकॉन्टिनेंस (Urge Incontinence) – इस स्तिथि में महिलाओं को अचानक ही काफी ज़ोर से मूत्र महसूस होता है। तथा महसूस होते ही जल्दी से जल्दी मूत्र त्याग की इच्छा होता है। लेकिन मूत्र इतनी ज़ोर से महसूस होता है की मूत्र त्याग के लिए तय स्थान तक जाने का समय भी नही मिल पाता है। उससे पहले ही मूत्र रिस जाता है। इस स्तिथ को काफी गंभीर माना जाता है।

● Urinary Incontinence In Female

महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले मूत्र असंयमता की समस्या दो गुणा अधिक होती हैं। महिलाओं में इसकी समस्या अधिक होने का कारण प्रेग्नेंसी तथा बच्चे का सामान्य प्रसव, मोनेपोज़ (मासिक चक्र बंद होने के बाद की स्तिथि) तथा महिलाओं में मूत्र मार्ग की बनावट है। कम उम्र की महिलाओं के मुकाबले यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस की समस्या अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक देखने को मिलता है। हालांकि यह हमेशा ज़रूरी नही है। यह किसी भी उम्र की महिलाओं को हो सकता है।

● यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस के कारण – Urinary Incontinence Causes in Hindi

महिलाओं में कई ऐसे कई कारण हैं जिसमें महिलाएं Urinary Incontinence से ग्रसित हो सकती हैं। ये कारण निम्नलिखित है :

• प्रेग्नेंसी
• सामान्य प्रसव (वजाइनल डिलीवरी)
• पेल्विक सर्जरी जैसे की गर्भाशय को हटाने के लिए किए जाने वाले ऑपरेशन
• मोटापा या अधिक वज़न वाली महिलाएं
• तय सीमा से अधिक पानी पीने की आदत
• मोनेपोज़ के बाद
• अधिक उम्र होना
• लंबे समय से मौजूद अस्थमा
• कब्ज़
• यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस होने का पारिवारिक इतिहास

● यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस के लक्षण – Urinary Incontinence Symptoms in Hindi

यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस का प्रमुख लक्षण यह है की मूत्राशय के गति (ब्लैडर मूवमेंट) को नियंत्रित करने में काफी समस्या आने लगता है।

इसके अलावा यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस के लक्षण को इसके प्रकार के आधार पर बांटा गया है

● स्ट्रेस इंकॉन्टिनेंस के लक्षण – Symptoms of Stress Urinary Incontinence

अपने आप ही मूत्र का निकल जाना विशेष कर खांसने, छींकने या हंसने की स्तिथि में।

इस स्तिथि में कम से लेकर अधिक मात्रा में मूत्र रिस का बाहर आ सकता है।

● अर्ज इंकॉन्टिनेंस के लक्षण – Symptoms of Urge Urinary Incontinence

अचानक से तथा बार बार जल्द से जल्द ही मूत्र त्याग की आवश्यकता महसूस करना

इस स्तिथि में मध्यम से ले कर काफी अधिक मात्रा में मूत्र रिस कर बाहर आ सकता है। कभी – कभी कम मात्रा में भी मूत्र रिस सकता है।

Urine Incontinence से ग्रसित महिलाओं में स्ट्रेस इंकॉन्टिनेंस तथा अर्ज इंकॉन्टिनेंस, दोनो के ही लक्षण एक साथ भी देखने को मिल सकते हैं। इस स्तिथि को मिक्सड इंकॉन्टिनेंस (Mixed Urinary Incontinence) कहा जाता है।

● यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस के लिए जांच – The Urinary Incontinence Assessment / Test for Urinary Incontinence

मूत्र असंयमता जांच के लिए आपको निम्नलिखित बातों का पालन करना पर सकता है :

सामान्य रूप से मूत्राशय के भरे होने पर डॉक्टर आपको खांसने के लिए बोल सकता है।

आपको प्रत्येक दिन ब्लैडर पर नज़र बनाए रखते हुए एक डायरी बनाने के लिए कहा जा सकता है।

इसके अलावा आपको निम्नलिखित जांच भी करवाने पड़ सकते हैं :

क्रिस्टोमेट्री : यह कई जांच का समूह है। इसमें अलग – अलग स्तर पर मूत्राशय का दाब मापा जाता है।

पॉजिटिव रिसिड्यूअल (PVR) मेजरमेंट : इस प्रक्रिया के तहत मूत्र त्याग करने के बाद मूत्राशय में बचे मूत्र की मात्रा को मापा जाता है।

अल्ट्रासाउंड / डायनामिक एमआरआई : इस जांच में मूत्र त्याग के समय, खांसने के समय या स्तिथि में बदलाव इत्यादि के समय मूत्राशय तथा इसके मार्ग में होने वाले बदलाव को देखा जाता है।

• यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस का इलाज – Urinary Incontinence Treatment in Hindi

इसका इलाज इसके होने के कारण तथा प्रकार पर निर्भर करता है। इसमें कोई खास इलाज नही है जो की सभी महिलाओं पर एक समान लागू हो, कुछ मामलों में कुछ महिलाएं बिना सर्जरी के भी इससे उबर सकती हैं, या कुछ लाभ मिल जाता है।

यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस के लिए सामान्य रूप से किए जाने वाले इलाज निम्नलिखित हैं : – Treatment for Urinary Incontinence

• इंकॉन्टिनेंस प्रोडक्ट
• सर्जरी
• जीवनशैली में बदलाव
• पेल्विक के मांसपेशियों को मज़बूत करने के लिए विशेष प्रशिक्षण
• व्यवहारिक प्रशिक्षण जैसे की तय समय पर मूत्र त्याग इत्यादि
• मूत्राशय की मांसपेशियों को शांत करने के लिए कुछ दवाओं का उपयोग

● यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस से बचाव के उपाय – Urinary Incontinence Prevention / Urinary Incontinence Treatment in Hindi

आप निम्नलिखित तरीकों से यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस होनी की संभावना को कम कर सकते हैं :

• पेल्विक हिस्से के मांसपेशियों को मज़बूत बनाने के लिए पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज कर के

• वज़न को बिल्कुल नियंत्रण में रख कर

• यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस को बढ़ावा देने वाली बीमारियों जैसे अस्थमा, सीओपीडी, कब्ज़ इत्यादि का सही समय पर इलाज करा कर भी यूरिनरी इंकॉन्टिनेंस होने की संभावनाओं, को कम किया जा सकता है।

इन सब अलावा इस बीमारी का इलाज एक व्यापक एक्सरसाइज प्रोग्राम का पालन करके किया जा सकता है।

इस लेख में हमने आपको Urine Incontinenece in Hindi की पूरी जानकारी देने की कोशिश की है। अगर आप कुछ और जानकारी चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

नोट – इस पोस्ट में दी गयी जानकारी को केवल सलाह के तौर पर ही लें।

धन्यवाद

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